पुराने यात्रा संस्मरण पढ़ना इतिहास को एक अलग नज़र से देखने जैसा है।
इसमें घटनायें कम और उस वक़्त के बारे में बेहतर जानकारी मिलती है।
इब्न बतूता का यात्रा संस्मरण इस मायने में रोचक है। इब्न बतूता ने लगभग तीस साल सफर किया और करीब ७५००० मील की दूरी तय की। चौदहवीं सदी में इतनी यात्रा बहुत बड़ी बात है।
तीस साल बाद जब अपने मुल्क मोरक्को पहुँच कर अपनी घूमने की कहानियाँ सुनाने लगा तो लोग मानने को ही तैयार नही। मोरक्को के बादशाह "अबू इना" ने इब्न बतूता को सपोर्ट किया। इब्न जुज़ा नामक स्कॉलर से इब्न बतूता का यात्रा संस्मरण लिखवाया।
इब्न बतूता कहानी सुनाता गया और इब्न जुज़ा लिखता चला गया। विद्वान मानते हैं कि सुनकर लिखे जाने के बावजूद यात्रा संस्मरण में त्रुटियाँ कम हैं। ये दर्शाता है कि इब्न बतूता की याद्दाश्त काफी अच्छी थी।
इसमें घटनायें कम और उस वक़्त के बारे में बेहतर जानकारी मिलती है।
इब्न बतूता का यात्रा संस्मरण इस मायने में रोचक है। इब्न बतूता ने लगभग तीस साल सफर किया और करीब ७५००० मील की दूरी तय की। चौदहवीं सदी में इतनी यात्रा बहुत बड़ी बात है।
तीस साल बाद जब अपने मुल्क मोरक्को पहुँच कर अपनी घूमने की कहानियाँ सुनाने लगा तो लोग मानने को ही तैयार नही। मोरक्को के बादशाह "अबू इना" ने इब्न बतूता को सपोर्ट किया। इब्न जुज़ा नामक स्कॉलर से इब्न बतूता का यात्रा संस्मरण लिखवाया।
इब्न बतूता कहानी सुनाता गया और इब्न जुज़ा लिखता चला गया। विद्वान मानते हैं कि सुनकर लिखे जाने के बावजूद यात्रा संस्मरण में त्रुटियाँ कम हैं। ये दर्शाता है कि इब्न बतूता की याद्दाश्त काफी अच्छी थी।
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