Friday, September 21, 2018

भरतपुर की यात्रा

भरतपुर की यात्रा 

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दिल्ली से करीब २०० किलो मीटर की दूरी पर स्थित भरतपुर एक अच्छा वीकेंड डेस्टिनेशन है।  भरतपुर , मथुरा और आगरा एक त्रि कोण पर बसे हैं।

दिल्ली से भरतपुर आप बस या ट्रैन किसी भी साधन से जा सकते हैं ।  अपनी गाडी ले जा सकें तो और भी अच्छा। 

मैंने अपनी यात्रा गोल्डन टेम्पल ट्रैन से तय की जो अमृतसर से मुंबई , भरतपुर होते हुए जाती है।  सुबह
सात बज कर चालीस मिनट पर निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से चलती है। करीब दस बजकर तीस मिनट पर आप भरतपुर पहुंच जाएंगे।  जी हाँ , इतनी जल्दी।

यदि होटल बुक किया है तो चेक इन प्रायः १२ बजे ही होता है।  तब तक आपके पास समय है नाश्ता करने का।  स्टेशन के बाहर कुछ दुकाने हैं वहां से हल्का फुल्का कुछ खा सकते है।  रेस्त्रां जैसा कुछ नहीं है वैसे।

उसके बाद चाहें तो होटल निकल जाएँ या फिर निकल जाएँ लोहागढ़ फोर्ट की तरफ।  ऑटो आसानी से मिल जाते हैं और कुछ पचास रूपये में आपको फोर्ट काम्प्लेक्स तक छोड़ देंगे।

लोहागढ़ फोर्ट :-

यह किला जाट राजाओं का क़िला है।  अंदर दो तीन महल, गंगा मंदिर , और जवाहर बुर्ज है।  एक म्यूजियम भी है जो पहले के एक महल में ही बनाया गया है।  राजस्थान सरकार के तहत आता है ये म्यूजियम।  जवाहर बुर्ज आर्केओलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के तहत है।  म्यूजियम १२ बजे खुलता है और शाम ८ बजे तक खुला रहता है। पुराने राजाओं की तस्वीरें , पुराने हथियार और थोड़ा बहुत खुदाई से मिला सामान है इसमें। 

जवाहर बुर्ज म्यूजियम एंट्री के दाहिने की साइड थोड़ा ऊपर चढ़ने पर है।  वहां ऊंचाई से पूरा भरतपुर दिखता है।
बुर्ज पर कुछ छत्ते बने हैं जिसमे पुराने समय में लोग रहते होंगे।  एक लोहे का टावर भी है जिस पर पुराने सारे राजाओं के नाम लिखे हैं। युवराजों की यहीं पर ताजपोशी होती थी। जाट राजाओं में राजा सूरजमल काफी मशहूर हुए।  पिलर पर एक नाम एडवर्ड मान सिंह का है जी की मुझे काफी दिलचस्प लगा। जाने कौन थे ?

लोहागढ़ नाम इसलिए पड़ा कि जिस पत्थर से किला बना है वो कुछ कुछ लोहे के अयस्क जैसे दीखते हैं। किले के चारों तरफ खाई  है जिसमे पानी भरा हुआ है।  कहते हैं ये दलदल के समान है।  जो गिरता है वो निकल नहीं पाता।   


 


केवलादेव  पक्षी उद्यान :-

 भरतपुर लोग इस पक्षी विहार को देखने ही लोग जाते हैं।  पक्षी विहार सुबह ६ बजे से खुल जाता है।  आप चाहे तो पहले एक साइकिल किराए पर ले लें।  वो वहां गेट के पास उपलब्ध है।  टिकट १०० रुपये का है।  पार्क में एक सलीम अली पक्षी म्यूजियम भी है।  पार्क में सीधी सड़क है और दोनों किनारे पेड़ और दलदल हैं।  तालाब भी हैं और उनमे आपको तरह तरह के पक्षी दिख जाएंगे।  देसी कबूतर, बन मुर्गी, बगुले, तीतर और विदेशी फ्लोरिकन भी।

शुरू के २ किलो मीटर अगर आपको कुछ न दिखे तो मायूस न हों ।  असली पार्क चेक पॉइंट नंबर २ के एक किलो मीटर बाद ही शुरू होता है।  रास्ते में अगर बंदरों का झुण्ड मिल जाए तो डरें नहीं।  सीधा चलते रहे ।  बस ये ध्यान रखें  की आप बंदरों से आँख न मिलाएं।  आँख मिलाने से बन्दर पीछे पड़ जाते हैं।

पार्क के पास ही ज़यादातर होटल और रिसोर्ट हैं।

 
 

भरतपुर के पास ही फतेहपुर सिकरी है।  अकबर की राजधानी।  आप सारस चौक जो की पक्षी विहार के पास का चौराहा है वहां से बस से ३० मिनट में पहुंच जाएंगे।  दूरी कुछ ३५ किलो मीटर है, आगरा हाईवे पर ।

फतेहपुर सिकरी शानदार है।  आप एक पूरा दिन वहां बिता सकते हैं।  महल , बुलंद दरवाज़ा , शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, दीवान ए आम , और दीवान ए ख़ास देखते हुए।  फतेहपुर के बारे में अगले पोस्ट में।

भरतपुर से ४० किलो मीटर के आस पास दीग है। दीग में जाट राजाओं का जल महल है।  वो भी आप देखने जा सकते हैं। 

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