सर आर्थर कॉटन एक ब्रिटिश जनरल और सिंचाई इंजीनियर थे।
आंध्र प्रदेश के कई सारे डैम बनाने में उनका अभूतपूर्व योगदान है।
आज अगर गोदावरी जिला राइस बाऊल (चावल का कटोरा) कहा जाता है तो उसका श्रेय सर कॉटन को जाता है।
डोवलेश्वरम बैराज जो गोदावरी नदी पर बना है उसके सूत्रधार कॉटन ही थे। उस से पहले गोदावरी जिला बाढ़ पीड़ित एरिया माना जाता था।
अब बैराज की वजह से बाढ़ की समस्या नहीं रही और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी भी है।
कॉटन जैसे लोग असली लोग थे।
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