Thursday, November 10, 2022

शाम के दो चाँद

चांद मर गया है पूरी तरह,

वो दोबारा जिंदा होगा
अगले बसंत में,

जब दक्षिण की हवा
पोपलर के पेडों को हिलाती है,

जब हमारे दिल में 
आहों की फसल पकती है

जब छत घास की
चादर ओढ़ लेते हैं

चांद मर गया है पूरी तरह
वो दोबारा जिंदा होगा
अगले बसंत में

~ फेडरिको गार्सिया लोर्का

अंग्रेजी अनुवाद: सारा अरविओ
हिंदी अनुवाद: शाहिद अंसारी

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