
कुछ रास्तों पे चलते हुए अच्छा लगता है. वैसे रास्ते जिनसे पहले कभी गुज़र चुके हों.
उसके हर पत्थर जाने पहचाने से लगते हैं.
वो कहते हैं ना "कि सिर्फ दोस्त और घरवाले ही आपको पिछली ज़िन्दगी जीने और देखने का मौका देते है "
पर मुझे लगता है हर वो जगह ,हर गली ,हर मोड़, हर दूकान, मकान , हर वो जगह जिस से आपका
कुछ जुड़ा हो , पिछली ज़िन्दगी जीने का मौका देते हैं.
अच्छा भी लगता है कभी कभी , पर वो एहसास अमूमन तकलीफ ही देता है .
पर कुछ एक एहसास के वास्ते ही तो हम जीते हैं.
ज़िन्दगी हमे अगर नसीब हुई है तो हमे क्या कोशिश नहीं करनी चाहिए हर चीज़ देखने समझने की?
महसूस करने , जीने की,
हर वक़्त कुछ नया करना , कुछ नया देखना , थोड़ी ताक़त देता है
थोड़ा दूर और चलने की , फिर क्या पता "किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए".....
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