अंत और शुरूआत
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विस्लावा सिम्बोर्सका की कविता
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विस्लावा सिम्बोर्सका की कविता
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हर युद्ध के बाद
किसी को सफाई करनी पड़ती है।
चीज़े अपने आप खुद
को सही नहीं कर लेंगी।
किसी को सफाई करनी पड़ती है।
चीज़े अपने आप खुद
को सही नहीं कर लेंगी।
किसी को मलबे को
उठाकर सड़क किनारे डालना होगा,
ताकि लाशों से भरी गाड़ी
उस रास्ते से गुज़र सके।
उठाकर सड़क किनारे डालना होगा,
ताकि लाशों से भरी गाड़ी
उस रास्ते से गुज़र सके।
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